वो जितनी बार इसे खाक में मिलायेंगे।
हम नया आशियां बनायेंगे।।
वो छिपाते हैं मुंह अंधेरे में।
हम रोशनी के लिए दिल जलायेंगे।।
सोमवार, 18 जनवरी 2010
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
अटल बिना इलेक्शन
जिला बने तो ' अटल Ó हों स्मृतियां बटेश्वर की व्यथा : - भाजपा के संस्थापक अध्यक्ष के बिना होगा पहला चुनाव - पूरी ब्रजभूमि में घुली ...

-
अजय शुक्ला मैं टीवी से चिपका देख रहा था, महिला आरक्षण पर हंगामें के बीच राज्यसभा चौथी बार स्थगित। इसी बीच श्रीमती जी आईं और समाचार में ...
-
प्रेस कांफ्रेंस से निकलते हुए मेरे एक वरिष्ठ साथी रिपोर्टर ने अपना चिर-परिचित सवाल उछाला, ‘यार उठाया कहां से जाए …और सभी एक-दूसरे का मुंह त...
-
जिला बने तो ' अटल Ó हों स्मृतियां बटेश्वर की व्यथा : - भाजपा के संस्थापक अध्यक्ष के बिना होगा पहला चुनाव - पूरी ब्रजभूमि में घुली ...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें